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State Of U P vs Krishnaveer Singh

High Court Of Judicature at Allahabad|26 July, 2018
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JUDGMENT / ORDER

Court No. - 51
Case :- GOVERNMENT APPEAL No. - 478 of 2018 Appellant :- State Of U.P. Respondent :- Krishnaveer Singh Counsel for Appellant :- G.A.
Hon'ble Vipin Sinha,J. Hon'ble Ifaqat Ali Khan,J.
Heard Sri Rajesh Mishra, learned AGA appearing for the State on the application seeking leave to appeal against the judgment and order dated 20.12.2017 by means of which the accused respondent Krishnaveer Singh has been acquitted of the offences under Section 390 IPC.
We have also perused the findings as recorded by the court concerned. Learned AGA appearing for the State has pressed the appeal and the application seeking leave to appeal by placing reliance upon ground Nos. 3, 4, 5, and 6. Thus, keeping in view the contentions and the grounds taken in appeal and the arguments that have been made at the bar of this Court, the Court proceeds to examine the findings as have been recorded by the Court concerned.
The Court concerned while returning the verdict of acquittal has clearly observed that the incident had taken place in the presence of the father of the injured i.e. Brahm Singh and the wife of injured i.e. Sunita. However, as far as Sunita is concerned she has not been cross-examined nor produced by the prosecution for examination.
As far as Brahm Singh is concerned, it is apparent that he has not recognised the assailants as nobody has been named in the First Information Report. The FIR was lodged against unknown persons.
The record further shows that even though report lodged by the first informant, Sohanveer Singh had fainted and after he regain consciousness, he named the accused persons but the fact remains hat the medical examination report belies the story of Sohanveer Singh.
The Court has further referred to the contradictions as contained in the testimony of the witnesses:
"तहररीर ममयह कहहा गयहा हहै कक घटनहा कहाररत करनम वहालले व्यकक्ति ममोटरसहाईककल पर आयले। एक व्यकक्ति ममोटरसहाईककल पर बहैठहा रहहा और दसरले नम हमहारले पहास आकर कई गमोललयहाय समोहनवरीर कमो महाररी परन्ततु वहादरी मकदमहा परी०डब्लद० 1 ब्रहमलसयह दहारहा न्यहायहालय क समक्ष यह कहहा गयहा हहै कक दमोननों व्यकक्ति जमो ममोटरसहाइककल सले आयले थले, हमहाररी चहारपहाई पर आयले और दमोननों नले हहाथ मम ललयले हलथयहार सले हमहारले उपर गमोललयहाय चलहा दरी। इस प्रकहार जहहाय तहररीर मम कले वल एक व्यकक्ति दहारहा समोहनवरीर कमो गमोलरी महारनहा कहहा गयहा वहरी न्यहायहालय कले समक्ष दमोननों अकभियक्तिगण दहारहा सभिरी पर गमोललयहाय चलहानम ककी बहात कहरी गयरी हहै। यह कथन सभिरी गवहाहनों दहारहा दमोहरहायहा गयहा हहै। अततः यह अकभियमोजन गवहाहनों दहारहा ककयहा गयहा महत्वपदणर सतुधहार हहै जमो अकभियमोजन कथहानक कमो प्रभिहाकवत करहात हहै। तहररीर मम वहादरी मतुकदमहा दहारहा यह कथन ककयहा गयहा हहै कक ममोटरसहाईककल पर आयले दमो व्यकक्तियनों मम सले एक व्यकक्ति ममोटरसहाइककल सले उतरकर आयहा व अचहानक अपनले हहाथ मम ललयले कपस्टल सले कई गमोललयहाय समोहनवरीर कमो महाररी अथहारत घटनहा कले ददौरहान कपस्टल उस व्यकक्ति कले हहाथ मम थहा। न्यहायहालय कले समक्ष वहादरी मतुकमदहा दहारहा यह कथन ककयहा गयहा हहै कक दमोननों व्यकक्ति ममोटरसहाईककल सले उतरकर हमहाररी खहाट कले पहास आयले और दमोननों नले हहाथ मम ललयले हलथयहारनों सले हमहारले उपर गमोललयहाय चलहा दरी। वहादरी मतुकदमहा ब्रहमलसहय दहारहा दमोननों अकभियक्तिगण कले हहाथ मम हलथयहार हमोनहा बतहायहा गयहा हहै। चतुटलहै सहाक्षरी समोहनवरीर दहारहा न्यहायहालय कले समक्ष मतुख्य पररीक्षहा मम यह कथन ककयहा गयहा हहै कक दमोननों व्यकक्ति हमहारले घलेर मम आ गयले, उन्हनोंनम मझले कहहा कक पहानरी कपलहाओ, मम जहैसले हरी उन्हम पहानरी कपलहानम कले ललयले चलहा तमो दमोननों नले कपस्टल कनकहाल लरी और मझले जहान सले महारनम कले ललयले गमोलरी चलहा दरी। इस गवहाह नम अकभियक्तिगण कले पहास आनम पर हहाथ मम कमोई हलथयहार नहहीं बतहायहा बललक बहाद मम कपस्टल कनकहालनहा बहातहायहा हहै। इस प्रकहार गवहाहनों कले बयहान मम भिहाररी कवरमोधहाभिहास ह जमो अकभियमोजन कथहानक पर प्रकतकद ल प्रभिहाव डहालतहा हहै।"
With regard to the testimony of PW2, Deshraj Singh, the Court has clearly observed:
"गवहाह परी०डब्लद० 2 दलेशरहाज लसयह नले लजरह कले ददौरहान यह महानहा हहै कक उनकले गहायव क भियवर लसयह धरीवर ककी ममृत्यतु कले महामलले मम ररपमोटर तरीथरफल दहारहा चटहैल कले कवरूद्ध दजर कहारहायरी गयरी थरी। यह ररपमोटर अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर नले ललखरी थरी तथहा उस मक दमम मम चतुटहैल समोहनवरीर कमो जलेल जहानहा पडहा थहा। इस गवहाह नले यह भिरी महानहा हहै कक भिवरलसयह धरीवर ककी ममृत्यतु ककी ररपमोटर उसकले पररवहार वहालम नहहीं कर रहले थले परन्ततु अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर प्रधहान नले यह ररपमोटर जबरदस्तरी करहायरी थरी। इसरी प्रकहार परी०डब्लद० 3 चतुटहैल सहाक्षरी समोहनवरीर दहारहा भिरी लजरह कले ददौरहान उपरमोक्ति बहातनों कमो महानहा गयहा हहै कक भिव र लसहय ककी करट लगनले सले मदौत कहा मतुकदमहा उसकले व उसकले भिहाई रकवन्द्र कले कवरूद्ध धहारहा 304 भिहा०द०स० कहा न्यहायहालय मम कवचहारहाधरीन हहै तथहा उस तहररीर कहा ललेखक अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर ह।है गवहाह परी०डब्लद० 2 दलेशरहाज लसहय व परी०डब्लद० 3 समोहनवरीर कले दहारहा यह भिरी कहहा गयहा कक उनकले गहायव कले एक व्यकक्ति सतुमलेर लसयह लखरी नले रूपयले ककी धमोखहाधडरी कहा एक मतुकदमहा सनन 2008 मम मतुकदमहा अपरहाध सयख्यहा158/08, अन्तगरत धहारहा-420,406 भिहा०दय०सय० मलेर भिहाई दलेवलेन्द्र व महायगले कले कवरूद्ध ललखहायहा थहा लजसमम उसकले भिहाई कमो जलेल जहानहा पडहा थहा तथहा उस समय गहायव कहा प्रधहान कमृ ष्णवरीर थहा। उपरमोक्ति कमो ललेकर गहायव मम पयचहायत अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर ककी अध्यक्षतहा मम हयरीह थरी। इस प्रकहार प्रस्ततुत घटनहा सले कतु छ समय पहलेल गहायव प्रधहान कमृ ष्णवरीर कले कहनले पर भिवर लसहय ककी ममृत्यतु कले महामलले मम चटहैल समोहनवरीर व उसकले भिहाई कले कवरूद्ध धहारहा 304 भिहा०दय०सय० मतुकदमम ककी तहररीर पतुललस थहानम पर दलेनम तथहा उस पर मकदमहा दजर हमोनहा बतहायहा गयहा । उपरमोक्ति सले यह प्रतरीत हमोतहा हहै कक वहादरी मतुकदमहा, चट हैल व अन्य गवहाह, गहाम प्रधहान अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर कमो घटनहा सले पहलले सले जहानतले थले तब ककन पररलस्थकतयनों मम वहादरी मतुकदमहा दहारहा प्रथम सदचनहा ररपमोटर अजहात मम ललखहायरी गयरी, यह सयकदग्ध हहै और अकभियमोजन कथहानक कमो प्रभिहाकवत करतरी हहै।"
The Court has further observed while referring to the testimony of PW2 and PW3 i.e. Deshraj and Sohanveer herein below:
"गवहाह परी०डब्लद० 2 दलेशरहाज लसयह व परी०डब्लद० 3 समोहनवरीर दहारहा यह कहहा गयहा कक घटनहा कले ततुरन्त बहाद समोहनवरीर बलेहमोश हमो गयहा थहा परन्ततु गवहाह समोहनवरीर दहारहा लजरह म पदछले गयले प्रश्ननों कले उत्तर तत्परतहा सले कदयले गयले हम लजससले यह कथन कक समोहनवरीर बलेहमोश हमो गयहा थहा सयदलेहहास्पद प्रतरीत हमोतहा हहै।"
As far as the doctor is concerned, the same being Dr. Sanjay Pandey, examined as PW4. He in his testimony has elaborately stated:
"कचककत्सक सहाक्षरी परी०डब्लद० 4 सयजय पहाण्डले दहारहा लजरह मम यह कहहा गयहा हहै कक ममनम मररीज कमो कतु छ अजहात व्यकक्तियनों दहारहा गमोलरी चलहानले सले हमलहा करनम कले कदनहायक व समय कमो मररीज कले बतहानम पर अयककत ककयहा हहै। मररीज कमो आगलेयहास्त्र ककी चमोट आनहा ममनम मररीज कले बतहानम कले अनतुसहार ललखरी हहै। मम नहहीं बतहा सकतहा कक मररीज कमो चमोटम ककस हलथयहार सले आयरी थरी। मररीज कमो ददौरहान ईलहाज फटले हहयले घहाव ककी चमोटम पहायरी गयरी थरी। यह चमोटम ककसरी अन्य हलथयहार सले आनहा भिरी सम्भिव हहै इस प्रकहार स्पष्ट हहै कक कचककत्सक सहाक्षरी दहारहा चतुटहैल समोहनवरीर कमो आयरी चमोटनों कहा कदनहायक व समय तथहा उसकहा आगमोयहास्त्र सले आनहा मररीज समोहनवरीर कले कहनम सले ललखहा गयहा हहै। वहहीं चतुटहैल सहाक्षरी समोहवरीर दहारहा उक्ति बहातम बतहानम सले इन्कहार ककयहा गयहा हहै।"
The Court has further observed that even though the contention was that there was blood on the place of occurrence, but it is apparent and during investigation no samples were taken of the alleged bloody soil and thus, in view of the facts and circumstances as enumerated hereinabve, the Court has concluded herein below:
"प्रस्ततुत महामलले मम बचहाव पक्ष दहारहा सफहाई सहाक्ष्य मम गवहाह डरी०डब्लद० 1 ककॉ० इकबहाल लसहय कमो पररीकक्षत करहायहा गयहा हहै लजसनम यह बयहान कदयहा हहै कक कदनहायक 26/09/2008 कमो उपमहहाकनररीक्षक पलतु लस मलेरठ कले आदलेश पर ककॉ० दलेवलेन्द्र कले सहाथ कमृ ष्णवरीर पतुत्र ओमकहार लसयह कनवहासरी गहाम ततुगहानहा थहानहा छपरदौलरी, लजलहा बहागपत ककी सतुरक्षहा मम तहैनहात थले। कदनहायक 26/09/2008 कमो शहाम कले 6:30 बजले उक्ति कमृ ष्णवरीर अपनले घर पर मदौजदद थहा। वहहाय गहायव कले अन्य लमोग भिरी मदौजदद थले। सतुरक्षहा मम तहैनहात हमोनम कले कहारण उसककी डदटरी कदन और रहात दमोननों मम हरी कमृ ष्णवरीर ककी सतुरक्षहा करनम मम थरी। कदनहायक 26/09/2008 कमो कमृ ष्णवरीर पदरहा कदन गहायव सले बहाहर नहहीं गयहा थहा। बचहाव पक्ष दहारहा एक अन्य सहाक्षरी डरी०डब्लद० 2 रघतुवरीर कमो पररीकक्षत करहायहा गयहा हहै लजसनले यह बयहान कदयहा हहै कक कदनहायक 26/09/2008 कमो शहाम कररीब 6:30 बजले वह तथहा गहायव कले कहाफकी व्यकक्ति और सतुरक्षहाकमर्मी दमो कमृ ष्णवरीर प्रधहान कले घर पर बहैठले थले। शहाम कले लगभिहाग 6 बजले सले कररीब 8 बजले तक सब लमोग व कमृ ष्णवरीर प्रधहान ककी सतुरक्षहा मम तहैनहात पतुललस वहालले कमृ ष्णवरीर प्रधहान कले घर पर हरी रहले। कमृ ष्णवरीर गहायव कले दमो यमोजनहा मम प्रधहान रहले हहै। गहायव कले सभिरी लमोग प्रधहान कमृ ष्णवरीर कमो जहानतले हहै। कतु छ कदन बहाद उसले पतहा चलहा कक ब्रहमलसयह नम अपनले बलेटले पर हमलहा करनम मम गहायव ककी पहाटर्मीबहाजरी मम कमृ ष्णवरीर व उनकम भिहाई कहा नहाम ललखहा कदयहा थहा। उसले यह भिरी पतहा चलहा थहा कक ब्रहमलसयह आकद नले कमृ ष्णवरीर प्रधहान व उसकले भिहाई कहा नहाम झदठहा इसललयले ललखहायहा थहा कक कमृ ष्णवरीर प्रधहान दहारहा पयचहायत मम सतुमलेर कहा पक्ष ललयहा थहा। ब्रहमलसयह कले लडकले कमो गमोलरी महारनम मम कमृ ष्णवरीर प्रधहान व उसकले भिहाई कहा कमोई हहाथ नहहीं थहा। इस गवहाह दहारहा अकभियक्ति कमृ ष्णवरीर कले घर पर डरी०डब्लद० 2 रघतुवरीर ककी उपलस्थकत बतहायरी गयरी हहै। डरी०डब्लद० 2 रघतुवरीर दहारहा बचहाव पक्ष कले बचहाव कहा समथरन ककयहा गयहा हहै।" Learned A.G.A. has not been able to point out any illegality or perversity with the findings as recorded by the court below and thus it cannot be said that the view taken by trial court is a perverse view.
Thus in view of aforesaid consistent legal position as elaborated above and also in view of the fact that learned A.G.A. has failed to point out any illegality or perversity with the findings so recorded in the impugned order, no case for interference has been made out. No interference with the impugned judgment and order of acquittal is warranted. Accordingly the application seeking leave to appeal is rejected. Consequently, appeal is also dismissed.
Let a copy of this order be certified to the court concerned for necessary compliance.
The lower court record be sent back to the court concerned at the earliest.
Order Date :- 26.7.2018 P Kesari
Disclaimer: Above Judgment displayed here are taken straight from the court; Vakilsearch has no ownership interest in, reservation over, or other connection to them.
Title

State Of U P vs Krishnaveer Singh

Court

High Court Of Judicature at Allahabad

JudgmentDate
26 July, 2018
Judges
  • Vipin Sinha
Advocates
  • Ga