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Sheshnath Giri vs State Of U.P. And 4 Others

High Court Of Judicature at Allahabad|21 January, 2021

JUDGMENT / ORDER

Hon'ble Jayant Banerji,J.
This petition filed as Public Interest Litigation seeks the following direction:
i) Issue a writ order or direction in the nature of mandamus commanding and directing the respondents to enquire with the matter and pass a suitable order against the respondent no.4 in the interest of justice.
ii) Issue a writ order or direction in the nature of mandamus commanding and directing the respondent no.5 to cancel the certificates of High School and Intermediate acquired by the respondent no.4 in one session i.e. 2006 i.e. High School Examination, 2006, Roll No. 2511220 from Anjani Inter College, Godhai Chakki, Nagra, District Ballia and Intermediate Examination, 2006, Roll No. 1837566 from Janta Inter College, Nagra, District Ballia.
In paragraph 4 of the petition, the petitioner has made the following declaration:
"That the present writ petition is being field by the petitioner in the interest of public at large as well as raising voice against the fraud committed by respondent no.4 and receiving the salary from state exchequer in illegal manner and there is no personal and vested interest of the petitioner in any manner with the present P.I.L. writ petition."
However, when document at page 35 of this compilation is read in its entirety, which is a report furnished by a competent authority on a complaint lodged by the petitioner, the petitioner seems to be personally interested in the relief against private respondent, which cannot be construed to be in public interest.
The report at page 35 of the compilation reads thus:
साक्ष्य समीक्षा/विश्लेश्षणः- संदर्भित प्रकरण की जाँच के मध्य लिये गये बयानात, पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन एवं प्रकरण के सम्बन्ध में की गयी छानबीन से पाया गया कि-
1- आवेदक श्री शेषनाथ गिरि निवासी ग्राम- खैरा निफ्सी, पोस्ट खनवर, थाना- नगरा, जनपद- बलिया एक ही गाँव के रहने वाले एक- दूसरे के पड़ोसी है तथा इनमें मध्य विपक्षी के ससुराल पक्ष द्वारा आवेदक के विरूद्ध पंजीकृत कराये गये अभियोग में आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि(विपक्षी) के पत्नी एवं माता के गवाह होने के कारण आपसी विवाद है।
2- आवेदक शेष नाथ गिरि द्वारा अपने शिकायती प्रार्थना पत्र में आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि पी०एन०ओ०- 112765870 निवासी ग्राम- खैरा निफ्सी, पोस्ट- खनवर , जनपद- बलिया द्वारा गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर पुलिस विभाग में आरक्षी के पद पर नियुक्ती प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में तथ्य/आरोप अंकित किये गये है।
3- आवेदक द्वारा आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि पी०एन०ओ०- 112765870पर लगाये गये आरोपों की पुष्टी हेतु प्रधानाचार्य सुभावती देवी इण्टर कालेज भगमलपुर, नगरा- बलिया से पत्राचार किये जाने पर उनके द्वारा अपने पत्र दिनाँकः 02.10.2019 के द्वारा अवगत कराया गया है कि ध्रुव कुमार पुत्र सुरेश गिरि, सावित्री देवी निवासी ग्राम खैरा निफ्सी पो०-खनवर थाना नगरा जनपद बलिया द्वारा वर्ष - 2004 में अनुक्रमाँक- 2327809 के द्वारा उत्तीर्ण की गयी है एवं अभिलेखों में जन्म तिथि 10.04.1990 है जो पत्रावली पर उपलब्ध है।
इसी क्रम में जनता इण्टर कालेज नगरा बलिया से पत्राचार किये जाने पर उनके द्वारा अपने पत्र दिनाँकः 11.10.2019 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि ध्रुव कुमार गिरि पुत्र श्री सुरेश गिरि इस संस्था में वर्ष 2004 से 2006 तक शिक्षारत रहा है एवं ध्रुव कुमार गिरि पुत्र श्री सुरेश गिरि द्वारा इण्टरमीडिएट की परीक्षा वर्ष 2006 में अनुक्रमाँक - 1837566 के द्वारा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की गयी है एवं अभिलेखों में जन्म तिथि 10.04.1990 है जो पत्रावली पर उपलब्ध है।
4- आवेदक द्वारा आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि पी०एन०ओ०-112765870 पर वर्ष 2006 में अनुक्रमांक -2511220 पर अंजनी कान्वेंट इण्टर कालेज गोठाई चट्टी, नगरा , जनपद बलिया से उत्तीर्ण करने के सम्बन्ध में अपर सचिव मा०शि०परिषद जनपद वाराणसी उ०प्र० से किये गये पत्राचार के क्रम में सहायक सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी द्वारा अपने पत्र संख्याः मा०शि०प०/क्षे०का०वा०/हाई० एवं इण्टर अभिलेख/सत्यापन/1827 दिनाँकः 20.12.19 के माध्यम से अनुक्रमांक 2511220 के द्वारा वर्ष 2006 में हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है जिसमें परीक्षार्थी का नाम ध्रुव कुमार गिरि, पिता का नाम सुरेश कुमार गिरि, माता का नाम सावित्री देवी एवं जन्म तिथि- 01.05.88 अंकित कीगयी है जो पत्रावली पर उपलब्ध है।
5- प्रधानाचार्य सुभावती देवी इण्टर कालेज भगमलपुर, नगरा-बलिया से किये गये पत्राचार एवं जनता इण्टर कालेज नगरा बलिया से किये गये पत्राचार से ध्रुव कुमार गिरि निवासी ग्राम- खैरा निफ्सी , पोस्ट - खनवर, थाना नगरा, जनपद-बलिया आत्मज सुरेश गिरि, सावित्री देवी एवं जन्म तिथि- 10.04.1990 पायी जा रही है।
6- आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि पी०एन०ओ०- 112765870 निवासी ग्राम- खैरा निफ्सी, पोस्ट-खनवर, थाना-नगरा, जनपद- बलिया आत्मज सुरेश गिरि, सावित्री देवी द्वारा पुनः वर्ष 2006 में हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण के सम्बन्ध में अपर सचिव मा०शि०परिषद जनपद वाराणसी उ०प्र० से किये गये पत्राचार के क्रम में सहायक सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी द्वारा अपने पत्र संख्याःमा०शि०प०/क्षे०का०वा०/हाई० एवं इण्टर अभिलेख/सत्यापन/1827 दिनाँकः 20.12.19 के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी आख्या में परीक्षार्थी का नाम ध्रुव कुमार गिरि, पिता का नाम सुरेश कुमार गिरि, माता का नाम सावित्री देवी एवं जन्म तिथि - 01.05.88 पायी जा रही है।
7- प्रस्तर संख्या - 03 व 04 के अवलोकन से आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि पी०एन०ओ०- 112765870 आत्मज सुरश गिरि, सावित्री देवी निवासी ग्राम- खैरा निफ्सी, पोस्ट- खनवर , थाना- नगरा, जनपद- बलिया द्वारा दो बार हाई स्कूल की परीक्षआ एक ही बोर्ड से उत्तीर्ण किया जाना पाया जा रहा है।
8- यहां यह उल्लेखनीय है कि आवेदक शेष नाथ गिरि द्वारा अपने बयान के प्रश्नोत्तर संख्याः 05 के उत्तर में बताया गया है कि ध्रुव कुमार गिरि द्वारा वर्ष 2006 में उत्तीर्ण हाई स्कूल सर्टीफिकेट पर ही आरक्षी की नौकरी प्राप्त की गयी है। जबकि आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि का चरित्र पंजिका के अवलोकन से यह पाया गया कि उसके द्वारा वर्ष 2004 में उत्तीर्ण किये गये हाई स्कूल एवं वर्ष 2006 में उत्तीर्ण किये गये इण्टरमीडिएट के प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ती प्राप्त की गयी है।
9- प्रकरण के मध्य यह तथ्य भी प्रकाश में आये की आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के ससुराल पक्ष द्वारा आवेदक के विरूद्ध अभियोग 45/2018 अन्तर्गत धारा 376,504,506 भा०द०वि० थाना तिवारीपुर जनपद गोरखपुर में पंजीकृत कराया गया है जिसमें आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि की पत्नी एवं माता गवाह हैं। आवेदक के विरूद्ध पंजीकृत वाद में वादीनी रेखा गिरि पुत्री राजदेव गिरि एवं आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि रिश्ते में जीजा-साली है। उक्त वाद की छाया प्रति आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि द्वारा अपने बयान के साथ उपलब्ध करायी गयी है। जिसमें घटना दिनाँकः 10.06.2017 दर्शाया गया है एवं आवेदक द्वारा अपने बयान के प्रश्नोत्तरी संख्या 02 में स्वीकार किया गया है कि मेरे द्वारा आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के विरूद्ध 02 सितम्बर 2017 से (02.09.2017) से शिकायती प्रार्थना पत्र दिये जा रहे है। जिससे स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के ससुराल पक्ष द्वारा पंजीकृत कराये गये अभियोग की घटना के दिनाँक के लगभग 02 माह 22 दिवस के उपरान्त शिकायती प्रार्थना पत्र दिया जाना पाया जा रहा है। जिससे इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि आवेदक द्वारा उक्त घटना घटित होने के बाद आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि/ उसके परिवार के माध्यम से सुलह कराये जाने का प्रयास न किया गयो हो।
आवेदक द्वारा अपने बयान के प्रश्नोत्तर संख्या 03 में यह स्वीकार किया गया है कि आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि द्वारा दुबारा हाई स्कूल पास किये जाने सम्बन्धी तथ्य वर्ष 2017 में संज्ञान में आये। इससे इस सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आवेदक के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत होने के उपरान्त ही आवेदक ने आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के विरूद्ध प्रार्थना पत्र देना प्रारम्भ किया जो कि आवेदक द्वारा अपने विरूद्ध पंजीकृत अभियोग को आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के माधअयम से वापस लिये जाने हेतु अप्रत्यक्ष रूप से बनाया गया दबाब प्रतीत हो रहा है।
निषकर्षः-
इस प्रकार सम्पूर्ण छानबीन एवं सम्बन्धित से की गयी पूछ-ताछ एवं जाँच के मध्य उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के अवलोकन से आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि द्वारा हाईस्कूल की परीक्षा वर्ष 2004 एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा 2006 में उत्तीर्ण करना पाया जा रहा है जो आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि की चरित्र पंजिका पर उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से स्पष्ट है। चरित्रपंजिका में संलग्न जाति प्रमाण पत्र (सं०2394/प्र०प०लि० दिनाँकः 15.05.06) के अवलोकन से यह पाया गया कि जाति प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र के कालम संख्या -10 में माता पिता की हैसियत के सम्बन्ध में अंकित किये गये विवरण में ध्रुव कुमार गिरि द्वारा अपने पिता की पुलिस विभाग में कान्सटेबल के पद पर नियुक्ती दर्शायी गयी है। उक्त आवेदन पत्र में प्रस्तुत विवरण के अनुसार राजस्व निरीक्षक की आख्या दिनाँकः 15.05.2006 के आधार पर तहसीलदार रसड़ा द्वारा नॉनक्रिमीलेयर का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जाँच के मध्य यह तथ्य भी प्रकाश में आये की आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के ससुराल पक्ष द्वारा आवेदक के विरूद्ध अभियोग 45/2018 अन्तर्गत धारा 376,504,506 भा०द०वि० थाना तिवारीपुर जनपद गोरखपुर में पंजीकृत कराया गया है। जिसमे आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि की पत्नी एवं माता गवाह हैं एवं वादिनी रेखा गिरि पुत्री राजदेव गिरि एवं आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि रिश्ते में जीजा लगते है। आवेदक द्वारा उक्त अभियोग में वादिनी पर ध्रुव कुमार गिरि के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से दबाब बनाया जाना प्रतीत हो रहा है। आवेदक द्वारा उक्त मुकदमें में गवाह, जो कि ध्रुव कुमार गिरि की माता एवं पत्नी है, पर दबाब बनाये जाने कि नियत से ही आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि के विरूद्ध विभिन्न शिकायती प्रार्थना पत्र उक्त अभियोग की घटना के दिनाँक के पश्चात देना जाना पाया जा रहा है।
सहायक सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय (अपठनीय) अपने पत्र संख्या मा०शि०प०/क्षे०का०वा०/हाई० एवं इण्टर अभिलेख/सत्यापन/1827 दिनाँक (अपठनीय) माध्यम से उपलब्ध करायी गयी आख्या से आरक्षी ध्रुव कुमार गिरि का वर्ष 2006 में अनुक्रमांक 2511220 पर हाई स्कूल का उत्तीर्ण किया जाना पाया जा रहा है, जिसके बारे में आवेदक ने अपने बयान के प्रश्नोत्तर सं० (अपठनीय) में बताया है कि ध्रुव कुमार गिरि द्वारा वर्ष 2006 में उत्तीर्ण हाईस्कूल सर्टीफिकेट पर ही आरक्षी की नियुक्ति की गयी है किन्तु आरक्षी द्वारा पुलिस भर्ती/ सेवा में इसका कहीं भी प्रयोग किया जना नहीं पाया गया है।
प्रश्नगत प्रकरण में अब तक की समग्र जाँच/छानबीन से प्रार्थना पत्र में अंकित (अपठनीय) नही पाये गये।
आख्या सादर अवलोकनार्थ सेवा में प्रेषित है।
संलग्नकः यथोपरि।
पत्र संख्याः वाचक/क्षेत्रा०कार्या०-पीई-19/2019 दिनाँकः फरवरी ,06, 2020 (अपठनीय) It appears that the petitioner wants to settle his personal grudge against respondent no.4 and the said aspect has been elaborated by the Enquiry Officer in his enquiry report which is being furnished to Senior Superintendent of Police, District Prayagraj.
In view whereof, we are not inclined to cause any indulgence in this petition, rather, the petitioner has misused the Forum under the grab of Public Interest Litigation.
Therefore, the petition deserves to be dismissed with exemplary cost of Rs. 25,000/- which be deposited with High Court Legal Services Authority within a period of 30 days failing which, office is directed to issue notice to the petitioner as to why an action be not taken against him.
At this stage, learned counsel for the petitioner prays for withdrawal of the petition, however, since we have adverted to the merit of the matter and are of the view that this is not a genuine public interest litigation, the request for withdrawal is declined.
Petition stands dismissed with cost as above.
Let a copy of this order be placed before the Registrar General of this Court for compliance.
Disclaimer: Above Judgment displayed here are taken straight from the court; Vakilsearch has no ownership interest in, reservation over, or other connection to them.
Title

Sheshnath Giri vs State Of U.P. And 4 Others

Court

High Court Of Judicature at Allahabad

JudgmentDate
21 January, 2021
Judges
  • Sanjay Yadav
  • Jayant Banerji